कविताएँ अमृत की वह धारा होती है जिसे हर कोई नहीं देख सकता। देहरादून शहर में बसे कवि अपने बचपन से लेकर अब तक के जीवन-सफ़र में परिवार, समाज, प्रकृति, प्रेम और राजनीति में अच्छा-बुरा देखते हैं, समझते हैं और कई तरह के सुख-दुःख अनुभव करते हैं मगर अपने विचारों और संवेदनाओं को किसी के भी आगे ज़ाहिर नहीं कर पाते हैं। उनकी ये नज़्में ना सिर्फ देश के सच को दिखाती हैं बल्कि उनके अंदर दबे उन विचारों, संवेदनाओं और भावनाओं के ब्रह्माण्ड को अभिव्यक्त करती हैं।
Amritdhara
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