आधुनिक काल में राजनीतिक गतिविधियों के जरिए लोगों को गोलबंद करने की कोशिशें हुई। समाजवाद, वर्ग युद्ध, किसान आंदोलन के साथ-साथ मिथिला की पहचान के लिए तीव्र आग्रह पर जोर रहा। नजर रही स्वाधीनता प्राप्त करने पर। सियासी आवोहवा के बीच समाज सुधार की तरंग न्यून ही संभव थी। समाज के स्तर पर ऐसी कोई स्थानिक धारा नहीं बही। राज दरभंगा की तरफ से समाज सुधार के दृढ़ कदम उठाए गए पर उनकी तरफ से अलग से मिथिला राज्य का आंदोलन करने को सत्ता बनाए रखने की आकांक्षा के रूप में शंकालू दृष्टि से देखा गया।
Sangharsh Ke Raahi
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