सुमित कुमार पाण्डेय (IAS) भारतीय प्रशासनिक सेवा, 2021 बैच के अधिकारी हैं। इनकी हिंदी साहित्य, ग़ज़ल तथा कविताओं में काफ़ी रुचि रही है। सिविल सर्विसेज की परीक्षा में भी इनका वैकल्पिक विषय हिंदी साहित्य ही था। इस विषय में इन्होनें सिविल सर्विसेज, 2020 की परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए थे। कॉलेज के दिनों से कविताएँ लिखनी शुरू कीं। इन्हें नहीं पता कि इन कविताओं का हिंदी साहित्य या हिंदी काव्य में क्या स्थान है, परन्तु इन्होंने जो भी लिखा है पूरे दिल से लिखा है। ज़िन्दगी के बारे में जो भी महसूस किया है उसे काग़ज़ पर हू-ब-हू उतारने की कोशिश की है। नयी पीढ़ी ज़िंदगी को किस नज़रिए से देखती है, उसे हर्फ़ों में पिरोने की कोशिश की है। लेखक डेटा संसाधन के क्षेत्र में भी रुचि रखते हैं। इस विषय पर इनकी एक पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है जो अमेजॉन पर उपलब्ध है।
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यह पुस्तक जीवन के विभिन्न पड़ावों पर व्यक्ति और उसके भावनाओं को समेटती है। आप किसी के लिए एक समय पर बहुत महत्वपूर्ण होते हैं पर ज़रूरी नहीं है कि आप हमेशा उसके लिए उतने ही महत्वपूर्ण रहें। कोई व्यक्ति किसी समय पर आपसे बहुत सारा प्रेम कर सकता है पर यह ज़रूरी नहीं है कि वह आजीवन आपसे उतना ही प्यार करें। जब व्यक्ति के जीवन में ऐसे परिवर्तन आते हैं तो वह निराशा, खिन्नता और उदासी के दौर से गुजरता है।
काफी समय तक इस हालत में रहने के बाद उसे महसूस होता है कि वह अपनी पूरी ज़िन्दगी ऐसे नहीं गुज़ार सकता है। तमाम कोशिशों के बाद वह अपना आत्मविश्वास वापस पाता है। ज़िन्दगी को एक नए तरीके से, सकारात्मक तरीके से देखना शुरू करता है। जब उसकी स्वयं की ज़िन्दगी इस मुकाम तक पहुँच जाती है कि वह जीवन में कुछ अच्छा करने लगता है तो वह समाज के बारे में भी सोचना शुरू करता है। वह समाज में चल रही चीजों से रु-ब-रु होता है और कई बार अपने स्तर पर उन सामाजिक समस्याओं के बारे में गंभीरता से सोचता है और उसमें सुधार लाने का प्रयास भी करता है। यह पुस्तक ज़िन्दगी के इन्हीं चार पड़ावों (Love, Dejection, Motivation, Society) से सम्बंधित कविताओं का संकलन है।
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