शब्दों और भावनाओं की अठखेलियों से गठी गई कुछ कृतियों का विशेष संगम है "तमक"। 2023 में प्रकाशित कविता संग्रह "मुख्तलिफ" के बाद लेखक शांतनु मुंशी इस कविता संग्रह में कुछ नया लेकर आए हैं। जहां कुछ कविताएं अपने साथ अल्हड़पन लाती हुईं लगती है तो दूसरी कुछ जीवन के परे सी लगती हैं। कुछ कविताएं लगता है मानो जीवंत हो और अपनी पंक्तियों से अपना जीवन दर्शन करवा रही हों। "सांवलें शब्दों का निलय" कुछ ऐसी उपाधि देने के साथ लेखक ने इस प्रयास में ग़ैरशरमसार होकर अपने छुपी हुई असुरक्षा, कुंठा, गृहातुरता, निराशा और अनेक दबी हुईं भावनाओं को कुरेद कुरेद कर निकाला है और उन्हें पूरी ईमानदारी से शब्दों की मालाओं में पिरोया है। तमक की रचनाएँ मानव (लेखक) के आंतरिक द्वंद और अनकहे विचारों की व्यथा को प्रसारित करती हैं। भिन्न भिन्न भाव और भावुकता को दर्शाती कविताएँ लेखक के खुद से, समाज से, और ईश्वर से संवाद को उजागर करती हैं ।
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